ए भीड में रहने वाले इन्सान
एक बार वर्दी पहने के दिखा
ऑर्डर के चक्रव्यूह में से
CL/EL काट कर के तो दिखा
रात के घुप्प अँधेरे में जब दुनिया सोती है
तू मुस्तैद खड़ा जाग के तो दिखा
बाॅर्डर पर खड़ा होकर
घर की तरफ मुड़ के तो दिखा
मुडने से पहले वाइफ को
छुट्टी के सपने तो दिखा
कल छुट्टी आउंगा बोलके
बच्चों को फोन पे ही चाॅकलेट खिला के तो दिखा
थकी हुई आखों से याद करने वाले
मां बाप को अपना मुस्कुराता चेहरा तो दिखा
ये सब करते समय
दुश्मनकी गोली सीने पर लेकर तो दिखा
आखिरी सांस लेते समय
तिरंगे को सलाम करके तो दिखा
छुट्टी से लौटते वक्त बच्चों के आंसू, माँ बाप की बेबसी, पत्नी की लाचारी
को नज़रअंदाज कर के तो दिखा
ए भीड़ में रहने वाले इन्सान
एक बार वर्दी पहन के तो दिखा
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